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श्लोक 1.6.20  |
অদ্বৈত-রূপে করে শক্তি-সঞ্চারণ
অতএব অদ্বৈত হযেন মুখ্য কারণ |
अद्वैत - रूपे करे शक्ति - सञ्चारण ।
अतएव अद्वैत हयेन मुख्य कारण ॥20॥ |
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अनुवाद |
अद्वैत के रूप में वह पदार्थों में रचनात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इसलिए, अद्वैत ही सृजन का मूल कारण है। |
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