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श्लोक 1.6.17  |
‘নিমিত্তাṁশে’ করে তেঙ্হো মাযাতে ঈক্ষণ
‘উপাদান’ অদ্বৈত করেন ব্রহ্মাণ্ড-সৃজন |
‘निमित्तांशे’ करे तेंहो मायाते ईक्षण ।
‘उपादा न’ अद्वैत करेन ब्रह्माण्ड - सृजन ॥17॥ |
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अनुवाद |
भगवान विष्णु, अपने निमित्त रूप में भौतिक शक्ति का अवलोकन करते हैं जबकि श्री अद्वैत उपादान कारण के रूप में भौतिक जगत की सृष्टि करते हैं। |
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