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श्लोक 1.5.95  |
ভিতরে প্রবেশি’ দেখে সব অন্ধকার
রহিতে নাহিক স্থান করিল বিচার |
भितरे प्रवे शि’ देखे सब अन्धकार ।
रहिते नाहिक स्थान करिल विचार ॥95॥ |
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अनुवाद |
ब्रह्माण्ड में जाने पर उन्होंने केवल अँधेरा ही पाया, जहाँ रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। तब वे इस प्रकार सोचने लगे। |
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