श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 90
 
 
श्लोक  1.5.90 
অচিন্ত্য ঐশ্বর্য এই জানিহ আমার
এই ত’ গীতার অর্থ কৈল পরচার
अचिन्त्य ऐश्वर्य एइ जानिह आमार ।
एइ त’ गीतार अर्थ कैल परचार ॥90॥
 
अनुवाद
"हे अर्जुन, इसे मेरा अतुलनीय ऐश्वर्य समझो।" भगवद् गीता में भगवान कृष्ण ने इसी अर्थ का प्रचार किया है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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