श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 86
 
 
श्लोक  1.5.86 
প্রকৃতি-সহিতে তাঙ্র উভয সম্বন্ধ
তথাপি প্রকৃতি-সহ নাহি স্পর্শ-গন্ধ
प्रकृति - सहिते ताँर उभय सम्बन्ध ।
तथापि प्रकृति - सह नाहि स्पर्श - गन्ध ॥86॥
 
अनुवाद
यद्यपि वे इस प्रकार से भौतिक शक्ति से दो तरह से जुड़े हुए हैं, फिर भी उनके साथ इसका तनिक भी सम्बन्ध नहीं है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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