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श्लोक 1.5.61  |
অতএব কৃষ্ণ মূল-জগত্-কারণ
প্রকৃতি — কারণ যৈছে অজা-গল-স্তন |
अतएव कृष्ण मूल - जगत्कारण ।
प्रकृति कारण यैछे अजा - गल - स्तन ॥61॥ |
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अनुवाद |
इसलिए भगवान श्री कृष्ण ही इस ब्रह्मांड के प्रकट होने के मूल कारण हैं| प्रकृति तो बकरी के गले से लटकती हुई उन थनों के समान है जिससे दूध नहीं निकलता| |
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