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श्लोक 1.5.60  |
কৃষ্ণ-শক্ত্যে প্রকৃতি হয গৌণ কারণ
অগ্নি-শক্ত্যে লৌহ যৈছে করযে জারণ |
कृष्ण - शक्त्ये प्रकृति हय गौण कारण ।
अग्नि - शक्त्ये लौह यैछे करये जारण ॥60॥ |
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अनुवाद |
इस प्रकार भगवान कृष्ण की शक्ति द्वारा प्रकृति गौण कारण बन जाती है, ठीक वैसे ही जैसे आग की शक्ति से लोहा लाल हो जाता है। |
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