श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  1.5.6 
সেই কৃষ্ণ — নবদ্বীপে শ্রী-চৈতন্য-চন্দ্র
সেই বলরাম — সঙ্গে শ্রী-নিত্যানন্দ
सेइ कृष्ण - नवद्वीपे श्री - चैतन्य - चन्द्र ।
सेइ बलराम - सङ्गे श्री - नित्यानन्द ॥6॥
 
अनुवाद
वे मूल भगवान् कृष्ण नवद्वीप में श्री चैतन्य महाप्रभु के रूप में अवतरित हुए, और श्री बलराम उनके साथ श्री नित्यानन्द प्रभु के रूप में प्रकट हुए।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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