श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 55
 
 
श्लोक  1.5.55 
সেই ত’ কারণার্ণবে সেই সঙ্কর্ষণ
আপনার এক অṁশে করেন শযন
सेइ त’ कारणार्णवे सेइ सङ्कर्षण ।
आपनार एक अंशे करेन शयन ॥55॥
 
अनुवाद
उस सागर में भगवान संकर्षण का एक पूरा अंश निवास करता है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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