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श्लोक 1.5.43  |
চিচ্-ছক্তি-বিলাস এক — ‘শুদ্ধ-সত্ত্ব’ নাম
শুদ্ধ-সত্ত্ব-ময যত বৈকুণ্ঠাদি-ধাম |
चिच्छक्ति - विलास एक - ‘शुद्ध - सत्त्व’ नाम ।
शुद्ध - सत्त्व - मयं व्रत वैकुण्ठादि - धाम ॥43॥ |
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अनुवाद |
आध्यात्मिक शक्ति की एक क्रिया को शुद्ध सत्व के रूप में बताया गया है। इसमें सारे वैकुण्ठ धाम शामिल हैं। |
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