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श्लोक 1.5.29  |
যদ্যপি কেবল তাঙ্র ক্রীডা-মাত্র ধর্ম
তথাপি জীবেরে কৃপায করে এক কর্ম |
यद्यपि केवल ताँर क्रीड़ा - मात्र धर्म ।
तथापि जीवेरे कृपाय करे एक कर्म ॥29॥ |
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अनुवाद |
यद्यपि उनकी लीलाएँ उनके स्वभाव के एकमात्र विशेष कार्य हैं, परन्तु फिर भी वे अपनी निस्सीम कृपा के वशीभूत होकर पतित आत्माओं के लिए एक विशेष कार्य करते हैं। |
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