श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 231
 
 
श्लोक  1.5.231 
‘তাঙ্হা সর্ব লভ্য হয’ — প্রভুর বচন
সেই সূত্র — এই তার কৈল বিবরণ
‘ताँहा सर्व लभ्य ह य’ - प्रभुर वचन ।
सेइ सूत्र - एइ तार कैल विवरण ॥231॥
 
अनुवाद
भगवान् नित्यानंद ने कहा, “वृन्दावन में सभी वस्तुएँ सुलभ हैं।” यहाँ मैंने उनके संक्षिप्त कथन को विस्तार से समझाया है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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