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श्लोक 1.5.231  |
‘তাঙ্হা সর্ব লভ্য হয’ — প্রভুর বচন
সেই সূত্র — এই তার কৈল বিবরণ |
‘ताँहा सर्व लभ्य ह य’ - प्रभुर वचन ।
सेइ सूत्र - एइ तार कैल विवरण ॥231॥ |
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अनुवाद |
भगवान् नित्यानंद ने कहा, “वृन्दावन में सभी वस्तुएँ सुलभ हैं।” यहाँ मैंने उनके संक्षिप्त कथन को विस्तार से समझाया है। |
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