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श्लोक 1.5.216  |
নিত্যানন্দ-দযা মোরে তাঙ্রে দেখাইল
শ্রী-রাধা-মদন-মোহনে প্রভু করি’ দিল |
नित्यानन्द - दया मोरे ताँरे देखाइल ।
श्री - राधा - मदन - मोहने प्रभु करि’ दिल ॥216॥ |
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अनुवाद |
प्रभु नित्यानंद की अनुकम्पा से मुझे श्री मदनमोहन के दर्शन हुए और उन्होंने मुझे श्री मदनमोहन को मेरे स्वामी और प्रभु रूप में प्रदान किया। |
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