श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 215
 
 
श्लोक  1.5.215 
স্ব-মাধুর্যে লোকের মন করে আকর্ষণ
দুই পাশে রাধা ললিতা করেন সেবন
स्व - माधुर्ये लोकेर मन करे आकर्षण ।
दुइ पाशे राधा ललिता करेन सेवन ॥215॥
 
अनुवाद
राधा और ललिता उनकी दोनों भुजाओं में सेवारत हैं। वे अपनी माधुर्यता से सभी के हृदयों को मोहित कर लेते हैं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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