श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 211
 
 
श्लोक  1.5.211 
শ্রী-মদন-গোপাল-শ্রী-গোবিন্দ-দরশন
কহিবার যোগ্য নহে এ-সব কথন
श्री - मदन - गोपाल - श्री - गोविन्द - दरशन ।
कहिबार योग्य नहे ए - सब कथन ॥211॥
 
अनुवाद
मैं अपने भगवान मदनगोपाल और भगवान गोविंद के दर्शन के बारे में ये सब गोपनीय बातें कहने का अधिकारी नहीं हूँ।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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