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अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ
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श्लोक 18
श्लोक
1.5.18
সর্বগ, অনন্ত, বিভু, কৃষ্ণ-তনু-সম
উপর্য্-অধো ব্যাপিযাছে, নাহিক নিযম
सर्वग, अनन्त, विभु, कृष्ण - तनु - सम ।
उपर्युधो व्यापियाछे, नाहिक नियम ॥18॥
अनुवाद
भगवान श्री कृष्ण के दिव्य शरीर की तरह ही गोकुल सब तरफ़ व्याप्त, अनंत और सर्वोपरि है। यह बिना किसी रोक-टोक के ऊपर और नीचे तक विस्तृत है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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