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श्लोक 1.5.179  |
এই ত’ কহিল তাঙ্র সেবক-প্রভাব
আর এক কহি তাঙ্র দযার স্বভাব |
एइ त कहिल ताँर सेवक - प्रभाव ।
आर एक कहि ताँर दयार स्वभाव ॥179॥ |
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अनुवाद |
मैंने इस प्रकार भगवान् नित्यानन्द के सेवकों की सामर्थ्य का वर्णन किया है। अब मैं उनकी दया की एक और विशेषता का वर्णन करूँगा। |
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