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श्लोक 1.5.168  |
গুণার্ণব মিশ্র নামে এক বিপ্র আর্য
শ্রী-মূর্তি-নিকটে তেঙ্হো করে সেবা-কার্য |
गुणार्णव मिश्र नामे एक विप्र आर्छ ।
श्री - मूर्ति - निकटे तेंहो करे सेवा - कार्य ॥168॥ |
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अनुवाद |
एक माननीय ब्राह्मण जिसका नाम श्री गुणार्णव मिश्र था, वह भगवान की सेवा किया करता था। |
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