श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 133
 
 
श्लोक  1.5.133 
অতএব শ্রী-কৃষ্ণ-চৈতন্য গোসাঞি
সর্ব অবতার-লীলা করি’ সবারে দেখাই
अतएव श्री - कृष्ण - चैतन्य गोसाञि ।
सर्व अवतार - लीला क रि’ सबारे देखाइ ॥133॥
 
अनुवाद
इस कारण भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु ने सभी के सामने विभिन्न अवतारों की सभी लीलाओं को प्रदर्शित किया है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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