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श्लोक 1.5.110  |
নারাযণের নাভি-নাল-মধ্যেতে ধরণী
ধরণীর মধ্যে সপ্ত সমুদ্র যে গণি |
नारायणेर नाभि - नाल - मध्येते धरणी ।
धरणीर मध्ये सप्त समुद्र ये गणि ॥110॥ |
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अनुवाद |
सारे भौतिक लोक उस कमलनाल के भीतर स्थित हैं, जो भगवान् नारायण की नाभि कमल से निकला है। इन लोकों के मध्य सात समुद्र हैं। |
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