श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 5: भगवान् नित्यानन्द बलराम की महिमाएँ  »  श्लोक 107
 
 
श्लोक  1.5.107 
হেন নারাযণ, — যাঙ্র অṁশের অṁশ
সেই প্রভু নিত্যানন্দ — সর্ব-অবতṁস
हेन नारायण , - याँर अंशेर अंश ।
सेइ प्रभु नित्यानन्द सर्व - अवतंस ॥107॥
 
अनुवाद
भगवान नारायण भगवान नित्यानन्द बलराम के पूर्ण अंश के अंश मात्र हैं। भगवान नित्यानन्द ही समस्त अवतारों के मूल हैं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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