श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 4: श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य के गुह्य कारण  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  1.4.9 
কিন্তু কৃষ্ণের যেই হয অবতার-কাল
ভার-হরণ-কাল তাতে হ-ইল মিশাল
किन्तु कृष्णेर येइ हय अवतार - काल ।
भार - हरण - काल ताते हइल मिशाल ॥9॥
 
अनुवाद
परन्तु संसार के भार को उतारने का समय श्री कृष्ण के अवतार काल में मिल गया था।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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