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श्लोक 61
श्लोक
1.4.61
সচ্-চিদ্-আনন্দ, পূর্ণ, কৃষ্ণের স্বরূপ
এক-ই চিচ্-ছক্তি তাঙ্র ধরে তিন রূপ
सच्चिदानन्द, पूर्ण, कृष्णेर स्वरूप ।
एक - इ चिच्छक्ति ताँर धरे तिन रूप ॥61॥
अनुवाद
भगवान् कृष्ण का शरीर शाश्वत है, ज्ञान से पूर्ण है और आनंद से परिपूर्ण है। उनकी एक आध्यात्मिक शक्ति तीन रूपों मे प्रकट होती है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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