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अध्याय 4: श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य के गुह्य कारण
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श्लोक 6
श्लोक
1.4.6
সত্য এই হেতু, কিন্তু এহো বহিরঙ্গ
আর এক হেতু, শুন, আছে অন্তরঙ্গ
सत्य एइ हेतु, किन्तु एहो बहिरङ्ग ।
आर एक हेतु, शुन, आछे अन्तरङ्ग ॥6॥
अनुवाद
यह सच है, लेकिन यह भगवान के अवतार का बाह्य कारण है। कृप्या भगवान के प्रकट होने का एक और कारण - गुह्य कारण - भी सुने।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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