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श्लोक 261
श्लोक
1.4.261
তাতে জানি, মোতে আছে কোন এক রস
আমার মোহিনী রাধা, তারে করে বশ
ताते जानि, मोते आछे कोन एक रस ।
आमार मोहिनी राधा, तारे करे वश ॥261॥
अनुवाद
“यह विचार करके मैं समझ सकता हूँ कि मुझमें कोई अनजाना रस है, जो मुझे मोहित करने वाली मेरी श्रीमती राधारानी को पूर्णतः अपने वश कर लेता है।”
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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