श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 4: श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य के गुह्य कारण  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  1.4.14 
আনুষঙ্গ-কর্ম এই অসুর-মারণ
যে লাগি’ অবতার, কহি সে মূল কারণ
आनुषङ्ग - कर्म एइ असुर - मारण ।
ये लागि’ अवतार, कहि से मूल कारण ॥14॥
 
अनुवाद
इस प्रकार असुरों का नाश गौण कार्य है। अब श्री कृष्ण के अवतार का मुख्य कारण बताऊँगा।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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