श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 4: श्री चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य के गुह्य कारण  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  1.4.10 
পূর্ণ ভগবান্ অবতরে যেই কালে
আর সব অবতার তাঙ্তে আসি’ মিলে
पूर्ण भगवानवतरे येइ काले ।
आर सब अवतार ताँते आ सि’ मिले ॥10॥
 
अनुवाद
जब सब कुछ समेट कर पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान अवतार लेते हैं, तब भगवान के अन्य सारे अवतार भी उन्हीं में समा जाते हैं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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