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श्लोक 1.3.57  |
দেহ-কান্ত্যে হয তেঙ্হো অকৃষ্ণ-বরণ
অকৃষ্ণ-বরণে কহে পীত-বরণ |
देह - कान्त्ये हय तेंहो अकृष्ण - वरण ।
अकृष्ण - वरणे कहे पीत - वरण ॥57॥ |
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अनुवाद |
उनका रंग काला तो बिल्कुल नहीं है। वे काले नहीं हैं, जिससे यह पता चलता है कि उनका रंग पीला है। |
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