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श्लोक 1.3.43  |
‘ন্যগ্রোধ-পরিমণ্ডল’ হয তাঙ্র নাম
ন্যগ্রোধ-পরিমণ্ডল-তনু চৈতন্য গুণ-ধাম |
‘न्यग्रोध - परिमण्डल’ हय ताँर नाम ।
न्यग्रोध - परिमण्डल - तनु चैतन्य गुण - धाम ॥43॥ |
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अनुवाद |
ऐसे व्यक्ति को "न्यग्रोध परिमंडल" कहा जाता है। सर्वगुण संपन्न श्री चैतन्य महाप्रभु का शरीर न्यग्रोध परिमंडल के समान है। |
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