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श्लोक 1.3.103  |
কৃষ্ণ বশ করিবেন কোন্ আরাধনে
বিচারিতে এক শ্লোক আইল তাঙ্র মনে |
कृष्ण वश करिबेन कोनाराधने ।
विचारिते एक श्लोक आइल ताँर मने ॥103॥ |
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अनुवाद |
जब वे पूजा से कृष्ण को प्रसन्न करने के विषय में विचार कर रहे थे, तभी उनके मन में निम्नलिखित श्लोक आया। |
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