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श्लोक 1.2.85  |
নারাযণ অṁশী যেই স্বযṁ-ভগবান্
তেঙ্হ শ্রী-কৃষ্ণ — ঐছে করিত ব্যাখ্যান |
नारायण अंशी येइ स्वयं - भगवान् ।
तेह श्री कृष्ण - ऐछे करित व्याख्यान ॥85॥ |
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अनुवाद |
“इस कारण वे कहते, ‘सभी अवतारों के स्रोत नारायण ही मूल भगवान् हैं। और वे श्रीकृष्ण के रूप में प्रकट हुए हैं।’ |
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