श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 2: पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् श्री चैतन्य महाप्रभु  »  श्लोक 56
 
 
श्लोक  1.2.56 
সেই তিন জনের তুমি পরম আশ্রয
তুমি মূল নারাযণ — ইথে কি সṁশয
सेइ तिन जनेर तुमि परम आश्रय ।
तुमि मूल नारायण इथे कि संशय ॥56॥
 
अनुवाद
"आप इन तीनों पुरुषावतारों के परम आश्रय हैं। इसलिए इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि आप आदि नारायण हैं।"
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.