|
|
|
श्लोक 1.2.56  |
সেই তিন জনের তুমি পরম আশ্রয
তুমি মূল নারাযণ — ইথে কি সṁশয |
सेइ तिन जनेर तुमि परम आश्रय ।
तुमि मूल नारायण इथे कि संशय ॥56॥ |
|
अनुवाद |
"आप इन तीनों पुरुषावतारों के परम आश्रय हैं। इसलिए इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि आप आदि नारायण हैं।" |
|
|
|
✨ ai-generated |
|
|