श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 2: पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् श्री चैतन्य महाप्रभु  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  1.2.28 
সেই নারাযণ কৃষ্ণের স্বরূপ-অভেদ
এক-ই বিগ্রহ, কিন্তু আকার-বিভেদ
सेइ नारायण कृष्णेर स्वरूप - अभेद ।
एकइ विग्रह, किन्तु आकार - विभेद ॥28॥
 
अनुवाद
नारायण तथा श्रीकृष्ण एक ही परमेश्वर के दो रूप हैं, परंतु वे एक समान होते हुए भी, उनके शारीरिक स्वरूपों में भिन्नताएँ हैं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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