स्वयं भगवान्कृष्ण, कृष्ण सर्वाश्रय ।
परम ईश्वर कृष्ण सर्व - शास्त्रे कय ॥106॥
अनुवाद
"इस प्रकार श्रीकृष्ण, भगवान का पूर्ण व्यक्तित्व, मूल और आदिकालीन भगवान हैं, जो अन्य सभी विस्तारों के स्रोत हैं। सभी प्रकट शास्त्र श्रीकृष्ण को परमेश्वर के रूप में स्वीकार करते हैं।"