চিচ্-ছক্তি, স্বরূপ-শক্তি, অন্তরঙ্গা নাম
তাহার বৈভব অনন্ত বৈকুণ্ঠাদি ধাম
चिच्छक्ति, स्वरूप - शक्ति, अन्तरङ्गा नाम ।
ताहार वैभव अनन्त वैकुण्ठादि धाम ॥101॥
अनुवाद
चित् - शक्ति, जिसे स्वरूप - शक्ति या अंतर्यामी शक्ति भी कहा जाता है, कई अलग-अलग रूपों में प्रदर्शित होती है। यह भगवान के राज्य और उसके वैभव को बनाए रखती है।