वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 1: आदि लीला
»
अध्याय 17: चैतन्य महाप्रभु की युवावस्था की लीलाएँ
»
श्लोक 98
श्लोक
1.17.98
এত বলি’ শ্রীবাস করিল সেবন
তুষ্ট হঞা প্রভু আইলা আপন-ভবন
एत बलि’ श्रीवास करिल सेवन ।
तुष्ट हञा प्रभु आइला आपन - भवन ॥98॥
अनुवाद
इतना कह कर श्रीवास ठाकुर ने प्रभु की पूजा की जिससे वे अति प्रसन्न होकर अपने घर चले गए।
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.