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श्लोक 1.17.77  |
মুরারিকে কহে তুমি কৃষ্ণ বশ কৈলা
শুনিযা মুরারি শ্লোক কহিতে লাগিলা |
मुरारिके कहे तुमि कृष्ण वश कैला ।
शुनिया मुरारि श्लोक कहिते लागिला ॥77॥ |
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अनुवाद |
तब भगवान चैतन्य ने कहा कि मुरारि गुप्त ने भगवान कृष्ण को प्रसन्न किया, उनकी प्रशंसा की। यह सुनकर मुरारि गुप्त ने श्रीमद्भागवत का एक श्लोक पढ़ा। |
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