श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 17: चैतन्य महाप्रभु की युवावस्था की लीलाएँ  »  श्लोक 268
 
 
श्लोक  1.17.268 
এই দৃঢ যুক্তি করি’ প্রভু আছে ঘরে
কেশব ভারতী আইলা নদীযা-নগরে
एइ दृढ़ युक्ति करि’ प्रभु आछे घरे ।
केशव भारती आइला नदीया - नगरे ॥268॥
 
अनुवाद
इस दृढ़ निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद महाप्रभु घर पर ही रहे। इसी दौरान केशव भारती नदिया नगरी में पधारे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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