श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 17: चैतन्य महाप्रभु की युवावस्था की लीलाएँ  »  श्लोक 218
 
 
श्लोक  1.17.218 
‘হরি’ ‘কৃষ্ণ’ ‘নারাযণ’ — লৈলে তিন নাম
বড ভাগ্যবান্ তুমি, বড পুণ্যবান্
‘हरि’ ‘कृष्ण’ ‘नारायण’ - लैले तिन नाम ।
बड़ भाग्यवान्तुमि, बड़ पुण्यवान् ॥218॥
 
अनुवाद
“क्योंकि आपने हरि, कृष्ण और नारायण - भगवान के इन तीन पवित्र नामों का उच्चारण किया है, इसलिए आप निस्संदेह, परम भाग्यशाली और पुण्यात्मा हैं।”
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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