তুমি যে কহিলে, পণ্ডিত, সেই সত্য হয
আধুনিক আমার শাস্ত্র, বিচার-সহ নয
तुमि ये कहिले, पण्डित, सेइ सत्य हय ।
आधुनिक आमार शास्त्र, विचार - सह नये ॥169॥
अनुवाद
प्रिय निमाई पण्डित, आपके द्वारा कही गई बात पूरी तरह से सत्य है। हमारे शास्त्र हाल ही में विकसित हुए हैं और निश्चित रूप से वे तर्कसंगत और विचारपूर्ण नहीं हैं।