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श्लोक 1.17.150  |
ভাগিনার ক্রোধ মামা অবশ্য সহয
মাতুলের অপরাধ ভাগিনা না লয |
भागिनार क्रोध मामा अवश्य सहय ।
मातुलेर अपराध भागिना ना लय ॥150॥ |
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अनुवाद |
"जब ममेरा भांजा काफ़ी नाराज़ हो जाता है तब भी मामा उसे सहन करता है, और जब मामा कोई ग़लती करता है तब भांजा उसे गंभीरता से नहीं लेता।" |
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