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श्लोक 1.17.135  |
এত কহি’ সন্ধ্যা-কলে চালে গৌররায
কীর্তনের কৈল প্রভু তিন সম্প্রদায |
एत क हि’ सन्ध्या - काले चाले गौरराय ।
कीर्तनेर कैल प्रभु तिन सम्प्रदाय ॥135॥ |
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अनुवाद |
शाम के समय भगवान गौरसुन्दर बाहर गए और कीर्तन करने के लिए उन्होंने तीन दल बनाए। |
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