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श्लोक 134
श्लोक
1.17.134
সন্ধ্যাতে দেউটি সবে জ্বাল ঘরে ঘরে
দেখ, কোন কাজী আসি’ মোরে মানা করে
सन्ध्याते देउटि सबै ज्वाल घरे घरे ।
देख, कोन काजी आ सि’ मोरे माना करे ॥134॥
अनुवाद
“शाम के समय, प्रत्येक घर में मशाल जलाओ। मैं हर किसी की रक्षा करूँगा। देखते हैं कि कौन सा काजी आकर हमारे कीर्तन को रोकता है।”
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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