श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 17: चैतन्य महाप्रभु की युवावस्था की लीलाएँ  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  1.17.11 
প্রভুর অভিষেক তবে করিল শ্রীবাস
খাটে বসি’ প্রভু কৈলা ঐশ্বর্য প্রকাশ
प्रभुर अभिषेक तबे करिल श्रीवास ।
खाटे व सि’ प्रभु कैला ऐश्वर्य प्रकाश ॥11॥
 
अनुवाद
तत्पश्चात श्रीवास ठाकुर ने अभिषेक विधि से प्रभु चैतन्य महाप्रभु की पूजा की। खाट पर बैठकर स्वामीजी ने अपने दिव्य वैभव का प्रकाश किया।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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