श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 16: महाप्रभु की बाल्य तथा कैशोर लीलाएँ  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  1.16.14 
স্বপ্ন দেখি’ মিশ্র আসি’ প্রভুর চরণে
স্বপ্নের বৃত্তান্ত সব কৈল নিবেদনে
स्वप्न दे खि’ मिश्र आ सि’ प्रभुर चरणे ।
स्वप्नेर वृत्तान्त सब कैल निवेदने ॥14॥
 
अनुवाद
स्वप्न देखकर तपन मिश्र महाप्रभु के चरणकमलों की शरण में आये और उन्होंने विस्तारपूर्वक अपना सपना सुनाया।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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