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श्लोक 1.16.14  |
স্বপ্ন দেখি’ মিশ্র আসি’ প্রভুর চরণে
স্বপ্নের বৃত্তান্ত সব কৈল নিবেদনে |
स्वप्न दे खि’ मिश्र आ सि’ प्रभुर चरणे ।
स्वप्नेर वृत्तान्त सब कैल निवेदने ॥14॥ |
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अनुवाद |
स्वप्न देखकर तपन मिश्र महाप्रभु के चरणकमलों की शरण में आये और उन्होंने विस्तारपूर्वक अपना सपना सुनाया। |
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