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श्लोक 1.15.16  |
এক-দিন নৈবেদ্য-তাম্বূল খাইযা
ভূমিতে পডিলা প্রভু অচেতন হঞা |
एक - दिन नैवेद्य - ताम्बूल खाइया ।
भूमिते पड़िला प्रभु अचेतन हञा ॥16॥ |
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अनुवाद |
एक दिन श्री चैतन्य महाप्रभु ने देवता को अर्पित पान-सुपारी खा ली, जिससे उन्हें नशा हो गया और वे बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। |
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