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श्लोक 1.14.60  |
আনিযা নৈবেদ্য তারা সম্মুখে ধরিল
খাইযা নৈবেদ্য তারে ইষ্ট-বর দিল |
आनिया नैवेद्य तारा सम्मुखे धरिल ।
खाइया नैवेद्य तारे इष्ट - वर दिल ॥60॥ |
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अनुवाद |
तब कन्याएँ अपनी-अपनी भेंटें लेकर महाप्रभु के समक्ष आईं, और महाप्रभु ने उन्हें खाकर कन्याओं को मनचाही वरदान दिया। |
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