श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 14: श्री चैतन्य महाप्रभु की बाल-लीलाएँ  »  श्लोक 60
 
 
श्लोक  1.14.60 
আনিযা নৈবেদ্য তারা সম্মুখে ধরিল
খাইযা নৈবেদ্য তারে ইষ্ট-বর দিল
आनिया नैवेद्य तारा सम्मुखे धरिल ।
खाइया नैवेद्य तारे इष्ट - वर दिल ॥60॥
 
अनुवाद
तब कन्याएँ अपनी-अपनी भेंटें लेकर महाप्रभु के समक्ष आईं, और महाप्रभु ने उन्हें खाकर कन्याओं को मनचाही वरदान दिया।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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