श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 1: आदि लीला  »  अध्याय 13: श्री चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव  »  श्लोक 86
 
 
श्लोक  1.13.86 
এত বলি’ দুঙ্হে রহে হরষিত হঞা
শালগ্রাম সেবা করে বিশেষ করিযা
एत बलि’ बँह रहे हरषित ह ञा ।
शालग्राम सेवा करे विशेष करिया ॥86॥
 
अनुवाद
इस बातचीत के बाद पति और पत्नी दोनो बहुत खुश थे और मिलकर घर के शालीग्राम पाषाण की सेवा की।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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