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श्लोक 82
श्लोक
1.13.82
যাহাঙ্ তাহাঙ্ সর্ব-লোক করযে সম্মান
ঘরে পাঠাইযা দেয ধন, বস্ত্র, ধান
याहाँ ताहाँ सर्व - लोक करये सम्मान ।
घरे पाठा इया देय धन, वस्त्र, धान ॥82॥
अनुवाद
मैं जहाँ जहाँ भी जाता हूँ, हर कोई मेरा आदर करता है। बिना माँगे ही स्वेच्छा से मुझे दौलत, कपड़े और चावल दे देते हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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