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श्लोक 1.13.67  |
কিন্তু সর্ব-লোক দেখি’ কৃষ্ণ-বহির্মুখ
বিষযে নিমগ্ন লোক দেখি’ পায দুঃখ |
किन्तु सर्व - लोक दे खि’ कृष्ण - बहिर्मुख ।
विषये निमग्न लोक दे खि’ पाय दुःख ॥67॥ |
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अनुवाद |
लेकिन श्री अद्वैत आचार्य प्रभु को पीड़ा होती थी जब वो देखते थे कि सारे लोग कृष्ण भावना मृत से रहित हैं और केवल भौतिक इंद्रियों के भोग में डूबे हुए हैं। |
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